नागा साधुओं से जुड़ी 10 अनसुनी बातें, जिन्हें जानकर होगी हैरानी

नागा साधु बनने के लिए ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है।

नागा साधु के जीवन में प्रवेश करने के दौरान सबसे पहले खुद का ही पिंडदान करना पड़ता हैं।

नागा साधुओं भिक्षा से ही अपना पेटना भरना होता है।

नागा साधु पूरे दिन में सिर्फ एक बार यानी शाम के समय ही भोजन ग्रहण करते हैं।

नागा साधु  बनने के बाद सांसारिक जीवन और आडंबर का पूरी तरह से त्याग करना पड़ता है।

नागा साधु बनने के बाद वस्त्र का त्याग करना पड़ता है।

नागा साधु शरीर को ढकने के लिए भस्म का इस्तेमाल करते हैं।

नागा बनने के बाद किसी के सामने सिर झुकाना और किसी की निंदा करना पूर्ण वर्जित होता है।

नागा साधु  शिव जी के उपासक होते हैं।

शिव भक्त होने की वजह से नागा साधु 17 शृंगार करते हैं।