भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की आधी रात को मथुरा के कारागार में वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था. श्रीकृष्ण के जन्म की इसी शुभ घड़ी का उत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया था. अष्टमी तिथि को रात्रिकाल अवतार लेने का प्रमुख कारण उनका चंद्रवंशी होना है. श्रीकृष्ण चंद्रवंशी, चंद्रदेव उनके पूर्वज और बुध चंद्रमा के पुत्र हैं. इसी कारण चंद्रवंश में पुत्रवत जन्म लेने के लिए कृष्ण ने बुधवार का दिन चुना.
“यही है वो काल कोठडी जहाँ श्रीकृष्ण भगवान का जन्म हुआ था ।
आज सभी दर्शन ले । ये सौभाग्य उत्तरप्रदेश सरकार को जाता है जिन्होंने
गर्भगृह के दरवाजे पहली बार खुलवाए ताकी सभी दर्शन कर सके ।”
जय श्री कृष्ण राधे राधे